मोलू बना भेड़िया


मोलू बना भेड़िया

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 हेलो वेलकम बैक टू माय ब्लॉग द ड्रीम जर्नल। कैसे हो आप सब ? आशा करती हु की आप सब लोग अपने अपने घरों में हेल्दी होंगे । सही कहा ना?

     तो चलो आज की कहानी शुरू करे। तो आज हम कहानी में देखेंगे मोलू को भेड़ियों मैं कैसे शामिल कर लिया। आज की कहानी बहुत रोमांचक होने वाली है तो आशा करती हु की आप अंत तक जरूर पढ़ेंगे।



         तो जंगल में आज चांद रात थी । तो चांद रात होने पर सभी भेड़ियों की सभा बुलाई जाती हैं। तो आज चांद रात थी तो आज भी भेड़ियों की सभा का नियोजन किया था । उस सभा में हर एक मुद्दे पर चर्चा होती हैं। यह जाना जाता है की सारे भिड़ियो ने जंगल के जो नियम है उसे कायम रहा है क्या नहीं। 



         मोलू ,बागिरा और बल्लू नदी किनारे एक पेड़ के नीचे बैठे थे। मोलू बल्लू से कहता हैं "हर चांद रात पर सभा क्यों रखीं जाती हैं?" बल्लू कहता हैं "जंगल के कुछ नियम होते है ,जैसे इंसान अपने अनुशासन को कायम रखने के लिए सभा आयोजित करते है, वैसे ही भेड़िया भी अपना अनुशासन कायम रखने के लिए हर चांद रात को सभा आयोजित करती हैं । " ऐसी ही बाते करते करते सूरज ढलने लगता हैं। 



         बल्लू , बागिरा और मोलू सभा की और जाने के लिए निकलते हैं। सारे प्राणी सभा में पोंछ जाते हैं। सारे बाते कर ही रहे थे तब तक अकेला आता हैं। अकेला भेड़ियों का राजा था। अकेला आने पर सारे भेड़िए उठ जाते हैं। अकेला ने कहा " सभा शुरू की जाए ।" मोनिया उठ कर खड़ी हो जाती है , और अकेला से कहती हैं हमें इंसानी बच्चे को हमारे झुंड से निकलना होगा।" मोनिया की यह बाते सुन कर सारे चौक जाते हैं।  अकेला कहता हैं " तुम होश में तो हो मोनिया , मोलू हमारे झुंड का सद्यस हैं "। मोनिया ने कहा " इंसानी बच्चा एक भेड़िया की तरह नहीं चिला सकता "। यह बात सुनकर मोलू उठ कर खड़ा हो जाता है और सबसे कहता है ,में मैं ये कर सकता ही मुझे १ दिन की मोहलत चाहिए। अकेला कहता हैं "ठीक है मोलू अगर तुम १ दिन में भेड़ियों जैसे चिलाना नहीं सिके तो तूमें झुंड से निकाला जाएगा।" मोलू ने कहा "ठीक है । "  तो सभा खत्म हो जाती हैं। बल्लू बागिरा मोलू घर आ जाते हैं। बल्लू कहता है, " तूमें जितना आसान लग रहा है उतना आसान नहीं हैं ।"




  मोलू ने कहा मुझे पता है पर उस मोनिया को भी सबक सिखाना हैं। अगली सुबह हो जाती है मोलू और उसके सारे भेड़िए दोस्त मोलू को भेड़ियों जैसे चिलाना सीखा रहे थे। मोलू उनके साथ चिला तो रहा था पर उनकी आवाज और मोलू की आवाज मेल नहीं खा रही थी।  उसके सारे भेड़िए दोस्त उसे कह रहे थे तुम कर सकते हो हर मत मानना। मोलू अब हर बार कोशिश कर रहा था पर उसे आवाज निकलनी नहीं आ रही थी। मोलू निराश होकर वहा से चला जाता हैं।



  चलते चलते उसे एक पेड़ दिख जाता हैं। मोलू उस पेड़ पर चढ़ जाता हैं। मोलू सोच रहा था अगर मुझे चिलाना नहीं आया तो मुझे यह झुंड छोड़कर जाना होगा। तब उसे शेर खान दिखता है । शेर खान किसी बछड़े के पीछे लगा था । मोलू को एक युक्ति सूची और मोलू धीरे धीरे शेर खान के पीछे गया। और जोर जोर से आवाज निकलने लगा। शेर खान डर गया । शेर खान को लगा कोई बड़ा जानवर आया है जंगल में और मुझे खा लेगा। यह सोचकर शेर खान वहा से भाग गया। मोलू खुशी के मारे फूल नहीं समा रहा था। मोलू उसके भेड़िए दोस्त के पास गया और जोर जोर से आवाज निकलने लगा ।  यह आवाज सुनकर ओ भी चौक गए और नाचने लगे क्योंकी अब मोलू को कही नहीं जाना पड़ेगा। 

  इस प्रकार मोनिया को अपनी गलती समझ आ गई और उसने मोलू से माफी मांगी सभा में।

      तो आज की कहानी हमारी यही खत्म होती है । अगली कहानी लेकर जल्द आऊंगी । तब तक रीड द ड्रीम जर्नल ।

      Thank you।

      

     

      

     

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