बल्लू को हुईं निंद में चलने की बीमारी

 

बल्लू को हुईं निंद में चलने की बीमारी

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 हेलो वेलकम बैक टू माय ब्लॉग द ड्रीम जर्नल। कैसे हो आप सब ? आशा करती हु की आप सब लोग अपने अपने घरों में हेल्दी होंगे । सही कहा ना?

     तो चलो आज की कहानी शुरू करे। तो आज हम कहानी मैं देखेंगे आज हम  कैसे बल्लू को नींद में चलने की बीमारी हो जाती है । तो चले शुरू करते हैं ।

जंगल में बहुत सुहाना मौसम हुआ था सारे प्राणी अपने अपने बगल में बारिश का मौसम था बारिश हो रही थी सारा जंगल हरा भरा हो गया था



  बारिश का मौसम होने के कारण सभी प्राणी आप अपनी शिकार पकड़कर एक सुरक्षित ठिकाने रख रहे थे ।बारिश का मौसम होने के कारण शिकार मिलना बहुत मुश्किल हो गया था, इसलिए बल्लू, बगीरा और मोगली ने किया अपनी तरफ से सारा शिकार करके रखा था। उनका शिकार किया हुआ सारा खाना सुरक्षित जगह पर उन्होंने रखा था ।जिस बारे में किसी को ना पता हो क्योंकि ,किसी को पता चल गया तो बल्लू बगीरा और वह मोनू का खाना चोरी हो सकता है । बल्लू ने कहा मोलू और बगीरा से "इस जगह के बारे में हमें किसी को नहीं बताना है ।" मोलू ने कहा "ठीक है "।



  बगीरा बल्लू और बल्लू यहां वहां देखते हैं, कोई नहीं नजर नहीं आया तो वहां से चले जाते हैं । सारी रात गुजर जाती है । सवेरा होते ही मोलू बगीरा और बल्लू उस गुफा के पास आते हैं ,और अपना खाना रखा हुआ सुरक्षित है कि नहीं देखते हैं।बल्लू गुफा के अंदर आता है और देखता है तो क्या खाना गायब होता है । बल्लू जोर जोर से चिल्लाता है बल्लू की चीखने की आवाज सुनकर मोलू और बगीरा वहां पर आते हैं । बगीरा बल्लू से कहता है " क्या हुआ तुम इतना जोर से क्यों चिलाये ?" बल्लू कहता है " हमारा कल का रखा हुआ खाना गायब हो गया है ।" बगीरा बाहर आकर देखता है। कोई दिख रहा है क्या तो कोई भी उस वक्त दिख नहीं रहा था । मोनू कहता है " किसने चुराया होगा हमारा खाना ।" बल्लू कहता है " किस पर शक करना जंगल की नियमों के खिलाफ होगा । " हमें उसे रंगे हाथों पकड़ना होगा। मोनू बगीरा अपने अपने दोस्तों को अपने अपने दोस्तों को पूछते हैं । क्या आपने हमारा खाना किसी को ले जाते हुए देखा है ? सभी ने एक ही कहा जी मैंने नहीं देखा ...मैंने नहीं देखा....! मोनू वहां से निराश होकर बल्लू के पास आता है।





    बल्लू बगीरा और मोगली सोच में रहते हैं कि अब चोर को कैसे पकड़ा जाए । बगीरा को एक युक्ति सुचती है। बगीरा कहता है " हमे एक गड़ा खोदना होगा , और जब चोर वहा शिकार ले जाने आएगा तो उस गड्ढे में गिर जाइएगा और हम उसे पकड़ लेंगे ।" मोलू कहता है "अरे वाह ....! तुमने तो अच्छा सोचा है । हम जरूर ऐसा ही करेंगे। बागिरा , बल्लू और मोनू गुफा के पास जाते हैं, और वह बड़ा गधा खोल देते हैं । मोनू उस पर कूड़ा डाल देता है। जिससे कि चोर को दिखाई ना पड़े यहां खड्डा है । अब इंतजार था रात होने का । सूरज डूबने वाला था । 




मोनू बगीरा और बल्लू इंतजार कर रहे थे ,कि कब चोर आएगा और हम उसे पकड़ लेंगे । सब इंतजार करते-करते सो जाते हैं ,और एकदम से बुल्लू जाग जाता है ,और अपनी गुफा के और चलने लगता है । जब बल्लू उड़ता है तब बगीरा की भी नींद खुल जाती है । बगीरा फिर मोलू को उठाता है और दिखाता है कि देखो बल्लू अपना खाना लेकर कहां जा रहा है । बल्लू आगे आगे जा रहा था । बगीरा और मोनू पीछे भी जा रहे थे । मोनू ने बल्लू को जोर से बुलाया पर बल्लू होश में नहीं था । बल्लू नींद में चल रहा था ।






 इसलिए उसे बल्लू को सुनाई नहीं दीया । बगीरा ने बल्लू का रास्ता रोका तभी बल्लू नहीं रुका । बल्लू आगे आगे चलता ही रहा । मोनू ने कहा बगीरा से "हम उसके पीछे जाते हैं और हम देखते हैं कि ना खाना कहा ले जा रहा है।" बल्लूआगे चलते-चलते ठंडी गुफा की ओर जाता है, और ठंडी गुफाओं की पत्थरों पर चढ़कर ऊपर ऊपर जा रहा था।




 उसके पीछे बगीरा और बल्लू भी ऊपर चले गए क्योंकि उन्हें डर था बल्लू नींद में ऊपर से गिर ना जाए। तो मोलू और बगीरा ऊपर पहुंचने ही वाले थे तब तक बल्लू का पैर एक पत्थर से घसरा और वह गिर गया । जैसे वह नीचे नीचे आ रहा था उसके सिर पर एक पत्थर गिर गया और वह नींद से जाग गया । फिर उसे समझ में आया की हम ठंडे गुफाओं में है। 



और वह अपने दोस्तों बगीरा और मोनू पर गुस्सा होने लगा। तुम यहां क्या कर रहे हो ? कितनी रात हो गई है । चोर का पता चला क्या ? हम यहां क्या कर रहे हैं ? बगीरा ने कहा चोर तुम ही थे। बल्लू ने कहां "मजाक करने के लिए सिर्फ मैं ही मिला था क्या?" बल्लू ने कहा बल्लू से " बगीरा सच कह रहा है ।" बल्लू ने कहा " क्या मैं चोरी कर रहा था ।" बगीरा हंसते हुए कहा " जी हां.....!तुम्ह चोरी कर रहे थे "। 



 इस प्रकार चोर पकड़ा गया और बल्लू के बीमारी के बारे में पता चला।

  

      तो आज की कहानी हमारी यही खत्म होती है । अगली कहानी लेकर जल्द आऊंगी । तब तक रीड द ड्रीम जर्नल ।

      Thank you।

      

     

      

     



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