बल्लू का जन्मदिन


बल्लू का जन्मदिन 

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 हेलो वेलकम बैक टू माय ब्लॉग द ड्रीम जर्नल। कैसे हो आप सब ? आशा करती हु की आप सब लोग अपने अपने घरों में हेल्दी होंगे । सही कहा ना?



     तो चलो आज की कहानी शुरू करे। तो आज हम कहानी मैं देखेंगे कैसे मोलू ने शेर खान के इलाके से मछली चुराई । तो फिर देर किस बात की चलो कहानी शुरू करते हैं।



     जंगल में सारे प्राणी अपने अपने कामों में मग्न थे। आज तो चांद दिन की अगली रात थी। बल्लू आनद से उछल रहा था, क्योंकि आज उसके सबसे पसंदीदा चीज उसे मिलने वाली थी। आज उसके रखे हुए केले पक गए थे। मोलू बागिरा और बल्लू केले खाने के लिए चल दिए। बल्लू खुशी से झूम रहा था इतना ही नहीं  गाना गा रहा था। मोलू और बागिरा बल्लू को इतना उत्साही देख कर खुश  हो रहें थे।




     ऐसे ही चलते चलते मोलू ने बल्लू से पूछा " बल्लू ....! तुमे सबसे ज्यादा क्या पसंद हैं?" बल्लू ने कहा " अरे! मुझे सबसे ज्यादा शहद और लाल मछली पसंद है पर..." मोलू ने कहा " पर क्या बल्लू?" बल्लू ने कहा " पर ओ लाल मछली शेर खान के गुफा के पास से जो नदी बहती है उसी नदी में ओ मछली मिलती हैं, और ओ बहुत बड़ी बड़ी होती हैं। मगर तुम क्यों पूछ रहे हो , चलो केले खाते हैं। मोलू ने कहा " कुछ नही एसी ही पूछा।" यह सुनते ही बल्लू आगे चला गया और केले खाने का मज़ा लेने लगा। 



     बागिरा ने मोलू से पूछा " तुम बल्लू से उसकी पसंद क्यों पूछ रहे थे?" मोलू ने कहा "अरे ! बागिरा आज तो बल्लू का जन्मदिन हैं, तुम भूल गए क्या?" बागिरा कहता हैं "शायद! क्या तुम उस लाल मछली पकड़ने के बारे में तो नहीं सोच रहे ना? उसे पड़कना आसान नहीं हैं।" मोलू कहता हैं"दोस्त के लिए इतना तो कर सकते है ना।" मोलू और बागिरा ने बल्लू से कहा हम अभी आते है और वहा से चले गए। 



     मोलू और बागिरा जाही रहे थे तब तक उने रास्ते में पोनिया दिख गई । पोनियां ने मोलू से पूछा " मोलू तुम कहा जा रहे हो ?" मोलू ने कहा " मैं बल्लू के लिए लाल मछली लाने जा रहा हूं।" यह बात सुन कर ही पोनियां दर गई और वहा से भाग गई । 




     मोलू और बागिरा शेर खान के इलाके में पोच ही गए थे । तब तक उने तबाकी ने देख लिया। तबकी यह खबर शेर खान को देने के लिए शेर खान पास आया। शेर खान घोड़े बेचकर सो रहा था। तबली जैसे ही भाग कर आया जोर जोर से चीखते हुए शेर खान जग गया और शेर खान को गुस्सा आया। शेर खान ने तबाकी से कहा "अच्छी खबर होनी चाहिए नहीं तो तू गया काम से।" तबाकी ने कहा जी हुजूर अच्छी खबर है, इंसानी बच्चा लाल मछली पकड़ने के लिए नदी की और जा रहा हैं।" शेर खान ने कहा" ये तो अच्छी खबर हैं "। 




    शेर खान और तबाकी मोलू और बागिरा के पीछे पीछे जाते हैं। मोलू नदी के किनारे पोचता हैं। मोलू नदी के पास पोछते ही उसे मछलियां दिखाई देती है,जो बड़ी बड़ी और लाल रंग की। होती हैं। मोलू मछली पकड़ने के लिए फिशिंग रॉड बनाता हैं। तब तब बागिरा नदी के उस पार जाता हैं। मोलू के हात एक मछली लग ही जाती हैं तब तक शेर खान वहा आ जाता हैं। 



    शेर खान को देख कर मोलू डर जाता हैं। मोलू शेर खान से कहता हैं " तूमें कैसे पता मैं यहां आया हु?" शेर खान कहता है " ये मेरा इलाका हैं यह मेरे परवाने बगैर पशु पक्षी भी नहीं आ सकते। " मोलू पीछे पीछे जाते हुए एक लकड़ी पर आ जाता हैं। मोलू पीछे जा ही रहा था तब तक उसे बल्लू दिखाई देता हैं। मोलू शेर खान से कहता हैं " अब बल्लू आ गया है।" शेर खान कहता हैं " उस मोटे भालू से में नहीं डरता।" शेर खान की बात सुनते की मोलू बल्लू से कहता हैं " कूद जाओ बल्लू ।" बल्लू कूदते ही शेर खान हवा मैं उड़ जाता हैं और नदी में गिर जाता हैं।  बल्लू लकड़ी के सहारे बागिरा को भी उस पार लाता हैं।



     मोलू ने बल्लू से पूछा " तूमे कैसे पता हम यह आए हैं?" बल्लू हस्ते हुए कहता है " मुझे पोनियां ने बताई , ओ छोड़ो तुम यहां अपनी जान खतरे में डाल कर क्यों आए?" मोलू ने कहा "आज तुमारा जन्मदिन हैं ना इस लिए।" बल्लू ने कहा "तुमें याद था ।" उसे मोलू और बागिरा ने जन्मदिन की शुभकामनाए दी और वहा से चले गए। बल्लू ने कहा"आज तक का सबसे यादगार जन्मदिन हैं मेरा शुक्रिया मोलू और बागिरा "। 

      तो आज की कहानी हमारी यही खत्म होती है । अगली कहानी लेकर जल्द आऊंगी । तब तक रीड द ड्रीम जर्नल ।

      Thank you।

      

     

      

     

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