हाथी फसा कीचड़ में

 

हाथी फसा कीचड़ में 

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 हेलो दोस्तो, मैं तो ठीक हूं ।आप कैसी हों?आशा करती हु कि आप सब लोग भी ठीक होंगे ना?



      तो चले आज की कहानी शुरू करने के लिए, आज की कहानी किस पीआर के लिए है, आपको टाइटल पढ़ कर पता चल ही गया होगा ना? तो किसी को पता नहीं उने बतियाती हूं आज की जो कहानी है ओ है हाथी के बारे में, कैसे हटती मुसीबत में फंस जाते हैं और मोलू उने बचाता है ।

  तो दोस्तों चले शुरू करते हैं आज की कहानी ।



        आज जंगल में बड़ा जानवर था सारी हथी, खुशियों से गुनगुना रहे थे क्योंकि  जंगल में हाथी के दोस्त पाशा और अनाली आने वाले थे ।  हित्ता आपू और मोगली ऊनी की राह देख रहे थे पर उन ओ किधर दिख ही नही रहे थे । हिट्टा ने मोलू से कहा "क्या तुम नए मेहमान दिखे क्या ?"मोलू ने कहा "माफ करना पर मुझे ओ नही दिखे ",तब हाथी उनके पास आता है , और उने बताता है ओ लोग हमारे जंगल में पहिली बार आ रहे है,  पर अब मुझे दर लग रहा है ,क्योंकि उने अब तक आ जाना चाइए था । हाथी कहता है " मैं जाकर देख कर आता हु" मोलू कहता है अरे तुम मत जाओ मैं जाकर देखकर आता हु। 





तभी मोलू निगला है उने ढूढने मोलू एक ऊंचे पेड़ पर चढ़ता है । और दूर दूर तक देखता है उसे हाथी के रिश्तेदार दिखाई पड़ते है ,पर ओ कीचड़ के नजदीक थे । मोलू नीचे आ ही रहा था तभी उसके पास दासी आई । मोलू ने दाज़ी से कहा क्या तुम हाथी को बता दोगी की तुमारे रिश्तेदार मुसीबत में है, और कीचड़ के नजदीक है। दाजी ने कहा "क्यू नही जरूर बताऊंगी, पर मुझे क्या मिलेगा?" मोलू ने कहा "हाथी के पास बहुत सारे फल है, ओ तूमे दे देगा ।" दाजी ने ठीक है कहा और चली गई । मोलू कीचड़ की तरफ गया उसेे देखते ही पाशा और अनाली डर गए ,और मोलू से कहा खबर दार जो हमारे पास आए तो ।मोलू ने कहा "मुझे हाथी ने भेजा है तुम पाशा और अनाली हो ना ।" पाशा ने कहा "क्या तुम मुझे जानते हो ?" मोलू ने कहा  "जी हा"।  अनाली कहती है " हमारा बेटा कुल्लू कीचड़ की उस तरफ गया है" ।





हमे उसे निकाल ले मैं तुमरी मदत चाहिए मोलू कहता है जी क्यू नही । मोलू अब सोच मैं पड़ जाता है अब कुल्लू को कैसे बाहर निकाला जाए । मोलू को एक बड़ी लकड़ी दिखाई देती है । मोलू पाशा और अनाली से कहता है," इस बड़े लकड़ी को कीचड़ कीचड़ में  डाल दो । पाशा और अनाली उस बड़े से लकड़ी को उठाते है और कीचड़ में डाल देते है । मोलू कल्लू से कहता है कल्लू धीरे धीरे उस लकड़ी पर पैर रहकर हमारे तरफ आओ । कल्लू कहता मम्मी पापा मुझे बहुत डर लग रहा है । पाशा कहता है "कल्लू बेटा डरो मत धीरे धीरे आओ । " मोलू कहता है अरे तुम पता है क्या अप्पू और हिट्टा कितना अच्छा बैलेंस कर लेते है । कल्लू को थोड़ा सा बहला फुसलाकर बाहर आने के लिए मना लिया । कल्लू आगे आगे आने लगा थोड़ी देर तक चला तब तक लकड़ी टूट गई। फिर कल्लू कीचड़ में गिर गया। पाशा और अनाली डर गए । मोलू ने फिर से एक लकड़ी डाली कल्लू ने उसे अपनी सौंड में पकड़ा और धीरे धीरे बाहर आई । तब तक सारा हाथी का परिवार वहा पोछा । 



  इस तरह हाथी के बच्चे को बाहर निकाला ।

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